मोहब्बत नाम है मेरा, मोहब्ब्बत काम है मेरा,
मोहब्बत मेरी सुबहा है, मोहब्बत शाम है मेरा ।
मोहब्बत मेरी मस्ज़िद है, मोहब्बत धाम है मेरा,
मेरा अल्लाह मोहब्बत है, मोहब्बत राम है मेरा ।
मोहब्बत है मेरा हर सुर, मोहब्बत साज़ भी है ।
मुझे अपनी मोहब्बत के सफ़र पे नाज़ भी है,
मुझे कल भी मोहब्बत थी, मोहब्बत आज भी है ।
मोहब्बत मेरा सेहरा है, मोहब्बत ताज भी है ।
मोहब्बत की ज़मी पर आशियाँ मेरा मोहब्बत का,
मोहब्बत के है तारे आसमाँ मेरा मोहब्बत का ।
फिज़ाएं है मोहब्बत की, छटाएं है मोहब्बत की,
मोहब्बत की यहाँ बारिश, घटायें है मोहब्बत की ।
मोहब्बत के इस उपवन में है हरियाली मोहब्बत की,
यहाँ के पेड़ पौधों की हर इक डाली मोहब्बत की ।
मोहब्बत की मेरी साँसे हर इक बातें मोहब्बत की,
मोहब्बत का मेरा हर दिन हर इक रातें मोहब्बत की ।
मोहब्बत की हर इक ख़ुशबू, मोहब्बत की हवा है,
मोहब्बत की ही चोटों में मोहब्बत ही दवा है ।
मोहब्बत से मोहब्बत को मोहब्बत ही मोहब्बत है,
मेरी दौलत मोहब्बत है, मेरी शौहरत मोहब्बत है ।
मोहब्बत ने मोहब्बत को पुकारा है चली आओ,
मोहब्बत के शहर में घर तुम्हारा है चली आओ,
मेरी इक भी ख़ता हरगिज़ गँवारा हो नो तुझको,
तेरा हर इक सितम मुझको गँवारा है चली आओ ।
मोहब्बत ही तेरी मंज़िल, मोहब्बत ही तेरी राहें,
चली आओ बिछी है राह में तेरी मेरी बाहें ।।
मोहब्बत मेरी सुबहा है, मोहब्बत शाम है मेरा ।
मोहब्बत मेरी मस्ज़िद है, मोहब्बत धाम है मेरा,
मेरा अल्लाह मोहब्बत है, मोहब्बत राम है मेरा ।
मोहब्बत है मेरा हर सुर, मोहब्बत साज़ भी है ।
मुझे अपनी मोहब्बत के सफ़र पे नाज़ भी है,
मुझे कल भी मोहब्बत थी, मोहब्बत आज भी है ।
मोहब्बत मेरा सेहरा है, मोहब्बत ताज भी है ।
मोहब्बत की ज़मी पर आशियाँ मेरा मोहब्बत का,
मोहब्बत के है तारे आसमाँ मेरा मोहब्बत का ।
फिज़ाएं है मोहब्बत की, छटाएं है मोहब्बत की,
मोहब्बत की यहाँ बारिश, घटायें है मोहब्बत की ।
मोहब्बत के इस उपवन में है हरियाली मोहब्बत की,
यहाँ के पेड़ पौधों की हर इक डाली मोहब्बत की ।
मोहब्बत की मेरी साँसे हर इक बातें मोहब्बत की,
मोहब्बत का मेरा हर दिन हर इक रातें मोहब्बत की ।
मोहब्बत की हर इक ख़ुशबू, मोहब्बत की हवा है,
मोहब्बत की ही चोटों में मोहब्बत ही दवा है ।
मोहब्बत से मोहब्बत को मोहब्बत ही मोहब्बत है,
मेरी दौलत मोहब्बत है, मेरी शौहरत मोहब्बत है ।
मोहब्बत ने मोहब्बत को पुकारा है चली आओ,
मोहब्बत के शहर में घर तुम्हारा है चली आओ,
मेरी इक भी ख़ता हरगिज़ गँवारा हो नो तुझको,
तेरा हर इक सितम मुझको गँवारा है चली आओ ।
मोहब्बत ही तेरी मंज़िल, मोहब्बत ही तेरी राहें,
चली आओ बिछी है राह में तेरी मेरी बाहें ।।
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